Mar 5, 2008

मैं अरमान और तुम ख्वाब

 

हाथ बढ़ते हैं तेरी ओर जब कभी...
तो अचानक रुक जाते हैं...  डरते हैं...
तुम्हे छूने से....

पानी के बुलबुलों से भी नाज़ुक...
सुबह की पहली किरन सी तुम....
खुदा का नायाब तोहफा हो......

सर्द सुबह सी, गुलाबी गुलाबी....
शबनम  से भी प्यारी.......
चुलबुली सी मुस्कान लिए.....
जब भी कदम बढाती हो.....
तब दुनिया तो क्या वक़्त भी थम जाता हैं....

दूर कहीं एक पागल लड़का...
तुम्हे छूने की हसरत लिए....
जब भी हाथ बढाता हैं....
तो अचानक नींद उड़ जाती हैं....
"मैं अरमान से ज्यादा
और तुम ख्वाब से कम नहीं..."

Mar 4, 2008

मैं ख्वाब देता हूँ....


कभी महसूस करो मुझे
मेरे साथ बेठो, बाते‍ करो
ख्याल ज़िन्दा हो उठे‍गे तुम्हारे कि....
मैं ख्वाब देता हूँ...

शाम कि दहलीज़ से निकल कर...
रात के सिराहने से गुज़रता हुआ....
तुम्हारी हसीन आंखो का गुलाम....
तुम्हारी पलको पे रहता हुं...
महसूस करो मुझे भी कभी कि...
मैं ख्वाब देता हूँ‍...

यादों की उंगली पकड़ कर....
पलको की तामीर से फिसल कर...
होंठो पे मुस्कान बनकर....
हर दम तुम्हें खुश रखता हुं....
महसूस करो मुझे भी कभी कि...
मैं ख्वाब देता हूँ....

मैं वही हूँ , जिसे किसी दुआ में मांगा तुमने...
मैं वही हूँ, जिसे खुदा ने तुम्हें बक्शा..
बचपन की नामुराद चाहत का, नतीजा हुं मैं....
हर वक्त हर पल तुम्हारे साथ रहता हुं.....
अब तो महसूस करो मुझे भी कभी कि..
मैं ख्वाब देता हूँ....

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