May 30, 2013

ये आग अब बढ़ चुकी है.

फिर से धुआं उठ रहा है
ख़ामोशी सुलगने वाली है
तेरी ओर चल रही हैं हवाएं
ये धीरे धीरे जलती चिंगारियां
बढ़ रही है तेरी ओर
लपटें जलाकर छोड़ेगी
मेरे खतों को तेरी आंच लग चुकी है..
ये आग अब बढ़ चुकी है.
-3/11/12

Two city

बड़ा ज़रूरी बड़े काम का शहर है
यारों जोधपुर तो आराम का शहर है
कूलर -हीटर ,सर्दी- गर्मी
हर मोसम के इंतजाम का शहर है
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फिर वही भीड़ वही मंज़र होगा
वहां तो इंसानों का समंदर होगा
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लिपस्टिक के दाग जैसा लगता है
मुंबई तेरा रंग कभी उतरेगा नहीं...

जब तक है जान

ताउम्र लड़ते जाऊंगा
तेरे नाज-ओ-नखरे उठाऊंगा
तुम टोकती रहना मुझे
मैं गलतियाँ करता जाऊँगा
इश्क यूं ही जिंदा रहेगा
अपने दरमयान
जब तक है जान
जब तक है जान
ये कई उम्रों का साथ है
तू है तो फिर क्या बात है
तू दिन कहे तो दिन यहाँ
तेरी रात मेरी रात है
ये सदियों का सिलसिला
अपनी है पहचान
जब तक है जान
जब तक है जान
© Damodar Vyas 15/11/2012

बड़ी सुकून से कट रही है

बड़ी सुकून से कट रही है
थोड़ी तेरी थोड़ी मेरी
परेशानियां तो ज़िन्दगी का
अंग है पगली

बड़ी फुरसत से मिल रही है
थोड़ी तुझे थोड़ी मुझे
खुशियाँ मिलती रहेगी जब तक हम
संग है पगली
--- 10:30pm, 18 December, 2012

मुद्दे

एक नेताजी दूसरे से - अरे जवान लोंडों ने गजब कर दिया भैया. हमारी रैलियों से जादा भीड़ जुटाली.
दुसरे नेताजी - अरे वो सब तो हम भी देख रहे है मगर इ बताओ कि ये भीड़ जुटाई किसने, चुनाव के वक़्त काम आएगा.
तीसरे नेताजी - तुम दोनों तो पगला गए हो.. साला अन्दर तक नहीं सोचते. इस लाखों की भीड़ को वोट बैंक बनाने की सोचो.
चौथे - सोचना क्या है. इन लोगन की डिमांड को मुद्दा बनाओ. पेम्पलेट छापो. चुनाव के वक़्त इस मुद्दे को हमरेक चुनावी मुख पत्र में डालेंगे. लौंडे भावनाओं में बह जायेंगे.
समझदार नेताजी - अरे आज शनिवार है, कल सन्डे..क सोमवार को सब गायब हो जायेंगे. देखा नहीं रामलीला मैदान में क्या हुआ था. भ्रष्टाचार का मुद्दा तो अचार बन गया, जब भूक लगे रोटी के साथ खा लो. मुद्दे जब तक सुलझते नहीं तभी तक काम के है.

हिंदुस्तान मर चुका है

ज़मीर मर चुका है
इंसान मर चुका है
किसके भरोसे जीयेंगे
सम्मान मर चुका है

तुम रैलियां निकालो
आवाज़ तुम उठालो
था जो भी सुनने वाला
वो कान मर चुका है

न बेटियाँ सुरक्षित
न बहने जी रही हैं
जिस घर में सांस लेती
वो मकान मर चुका है

शक्ति को चढ़ता सोना
बहुओं को पड़ती लातें
मुझे माफ़ करना यारों
हिंदुस्तान मर चुका है.

ये मोहब्बत कब शुरू हुई थी

कहाँ से शुरू हुई थी ये मोहब्बत
पत्तियों पर ओंस की बूंदे कब निकली
कब निकला होगा वो चाँद
सर्द हवाएं किस ओर से आई थी
किसने छेड़े थे सितार के तार
कब तुमने दिल पर दस्तक दी थी
ये मोहब्बत कब शुरू हुई थी
-26/12/12

चुल्लू भर ज़िन्दगी

एक मुठ्ठी ख़्वाब और चुल्लू भर ज़िन्दगी...
चिमटियों से तारे चुनने हैं, हथेली में रात रखनी है..
कलाई मोड़ देना, सुबह हो जाएगी

MICROMAX A90S

आजकल यादव जी
काम की चिट्ठियां
मोबाइल से भेजने लगे हैं...

बुद्धू भास्कर अब किसी से
पता नहीं पूछता...

बीना आंटी मोबाइल पर ही
खाने की रैसेपी ढूँढती है...

बंटी कॉलर सीधी करके
कहता है कि
दुनिया उसकी जेब में है...

अब हर कोई स्मार्ट बनने लगा है..
क्योंकि, स्मार्टनेस पर
किसी क्लास का कॉपीराईट नहीं है..

MICROMAX A90S
Supersmart phone

बड़े गज़ब की चीज़ है...

- Dedicated to my new mobile.

आम आदमी

वो दलाल स्ट्रीट के जाइंट स्क्रीन पर
टकटकी लगाए खड़ा था
अजीब कश्मकश से
मार्केट का हाल देख रहा था
टिकर चल रहा और
शायद उसकी चिंता बढ़ रही थी
कुछ देर बाद फोन निकाला
और कहने लगा
एलपीजी के दाम नहीं बढ़े
आम आदमी था
बजट देखने के बाद बीवी से बात कर रहा था

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मैं उसे तक़दीर के हवाले छोड़ आया
कल रात सड़क पर तड़प रहा था
वो आज मुझे
अखबार के सांतवे पन्ने पर मिला
आम आदमी था शायद

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सत्ता के इस खेल में

वही खेल फिर होगा
सारे प्यादे सामने होंगे
हाथी कुचलता रहेगा
कमज़ोर प्यादों को
वजीर बादशाह बनने का
ख्वाब पालेगा
राजा अंत में आएगा
या फिर
इस बार
प्यादे
तय करेंगे इस खेल का परिणाम
संभल कर चलेंगे
वजीर पिट जायेगा
राजा घिर जायेगा
सत्ता के इस खेल में
कौन मूंह की खाएगा.
©Damodar

बच्चों वाला घर

सारा घर है उल्टा पुल्टा
टीवी पर सिर्फ कार्टून है
किताबे बिखरी पड़ी है
तस्वीरों पर मूछे बन गई
दीवारों पर मोटर गाड़ी
बिजली का बिल हवाई जहाज बन गया
पिंक पेंट पर बैंगनी लकीरें
पानी की मटकी में
तीन ग्लासें
पर्दों के पीछे कोई छीपा है
चोकलेट की रिश्वत पर काम होता है
बच्चों वाला घर ऐसा ही होता है

आईने में

तुम साथ हो न
फिर क्या डर है
तुम हमेशा साथ थे
हमेशा रहना
बड़ा अच्छा लगता है
तुमसे मिलकर
एक तुम ही तो हो
जिसकी सुनते हैं
वरना नसीहतें तो
बहुत है देने वाले
खैर
मिलते रहना तुम मुझे
आईने में
-©damoda

Tere jaane ke baad

न बिस्तर पर सलवटें हैं
न ही फूलों की महक

सुबह की पूजा
शाम की आरती
सब मौन है

यार घर में कुछ तो रखो
अपनी यादों का सामान
जब रात भर नींद नहीं आती
तब ढूंढता रहता हूँ

कमबख्त तकियों को भी
तुम्हारी आदत पड़ गयी
चददर का दूसरा छोर
उदास पड़ा है

मेरा नहीं कम से कम
घर का तो खयाल करो
©damodar

Holi special

दरवाजे पर चारों खड़े थे
मैं बाहर जाने से कतरा रहा था
वो अंदर आने पर अमादा थे

ये तो तय था
जो लास्ट में रंगा जायेगा
उसकी हालत खराब है

बाहर से सुरेन्द्र बोला
"कितना छुपेगा, बचेगा नहीं"
गोपाल बोला
"छोड़ न यार डरपोक है साला"
राजेश बाकी के तीनों को लेकर
निकल गया था शायद

आधे घंटे तक इंतज़ार किया
आखिर में भी बाथरूम में
कब तक छिपता

घुटन से बाहर निकला
बाहें फैलाकर चैन की साँस ली

तभी रमेश मुझ पर झपटा
सिल्वर कलर में
कमीनों को पहचान नहीं पा रहा था

उस दिन बहुत रंग रगड़ा सालों ने

इस बार गाँव आया हूँ
बाथरूम में घुसा
बाहर निकलने का डर नहीं था

मोहल्ले के बच्चे एंग्री बर्ड की पिचकारियों से
एक दूजे पर पानी छिड़क रहे थे

कुछ देर बाद सुरेंद्र का एसएमएस आया
"wish you and your family happy holi."

होली कितनी फीकी हो गयी न यार
खैर छोड़ो दो दिन बाद काम पर जाना है....

Short note

जब तक तेरे दिल में मलाल रहेगा
जानू, मेरा भी तो यही हाल रहेगा

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तेरा साथ होना मेरी बेफ़िक्री का सबब था.
तेरा दूर जाना मेरी बेचैनी की इन्तेहा है.

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मेरा वहां पहुचना ज़रूरी है
वक़्त इंतज़ार कर रहा है मेरा

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अपने हिस्से की मिठास बच्चों के मूह में रख देती है
मां तो बस औलाद की मुस्कान से स्वाद चख लेती है


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छूना मत प्यार हो जाएगा
तुम्हारी बातें बड़ी heart touching हैं


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न हिंदुस्तान मरता है न पाकिस्तान मरता है
दो मुल्कों की सियासत में बस एक इंसान मरता है
 
 

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 ज़िंदगी कहानी जैसी होनी चाहिए
आओ सभी किरदारों में ढल जाए

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हमारे बीच ये हल्की सी अनबन
गले में पैदा हुई खराश जैसी है
ज़रा सी मिश्री रख लो जुबा पर
रिश्ता ठीक हो जाएगा

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किस आडंबर की कोख से पैदा हुआ है तू
तुझे जीवन की दिशा तय करने का क्या हक है
इस छीना झपटी में तुझे क्या मिलेगा
तू वक़्त है तो वक़्त पर ही तुझे सारे जवाब देने होंगे

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हर साल 345 दिनों की
EMI भरता हूँ,
सांसे loan पर ली थी मैंने...
 

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ज़ुबा पर उसका नाम यूं आया
बचपन का कोई खिलौना हाथ लग गया हो जैसे.

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मोहब्बत करने वाले अक्सर गणित में फेल हो जाते है...!!
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अगर ये कोपी पेस्ट का ऑप्शन बंद हो जाये
मोहब्बत करने वालों की मोहब्बत बंद हो जाये....

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Na to ab chourahe se mudate hai
Aur na hi kone pe rukate hai.
Tune thukra diya aur hum
Seedha chalna seekh gaye.

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On IPL fixing

कभी दामाद डुबोता है
कभी भांजा फसाता है
करप्शन के कीचड़ में
आदमी यूं समाता है
ये इंसा बेच भी दें
देश को गर फूटी कोड़ी में
अपना क्या बिगड़ता है
तेरे घर से क्या जाता है

बहुत कुछ बोलकर
खामोश होना अपनी आदत है
इसी आदत का हर एक लालची
फायदा उठाता है

Incredible Rajasthan

रणथम्बौर रंगीलो मोर
तीज त्योहार अठे गणगौर

दाल बाटी पापड़ साग
घर घर गूंजे मांड राग

जैसलमेर बीकानेर
पुष्कर मेला और अजमेर

उदयपुर जोधपुर गजब निराला
जयपुर शहर है शान वाला

शेखावटी वीर चित्तौड़
हल्दीघाटी है सिरमौर

राजस्थान रंगीलो वेश
आओ पधारो म्हारे देश

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