तुम्हें याद हैं अब्दुल
उस रोज़ जब तुम्हारी
चवन्नी गुम हुई थी
तब मास्टरजी ने
सबके थैले टटोले थे....
अब तो सिर्फ
क्रेडिट कार्ड के खोने पर
शिकायत दर्ज होती है..
पता नहीं था कि
एक अदनी सी अशरफी
वक़्त के साथ
लुढ़कते-लुढ़कते
घिसकर खो जाएगी..
लगता है इसी तरह
दो पलों का प्यार भी
नही बचेगा
अब्दुल की चवन्नी की तरहा...
(जुलाई २०११ से चवन्नी बंद होने वाली है)
उस रोज़ जब तुम्हारी
चवन्नी गुम हुई थी
तब मास्टरजी ने
सबके थैले टटोले थे....
अब तो सिर्फ
क्रेडिट कार्ड के खोने पर
शिकायत दर्ज होती है..
पता नहीं था कि
एक अदनी सी अशरफी
वक़्त के साथ
लुढ़कते-लुढ़कते
घिसकर खो जाएगी..
लगता है इसी तरह
दो पलों का प्यार भी
नही बचेगा
अब्दुल की चवन्नी की तरहा...
(जुलाई २०११ से चवन्नी बंद होने वाली है)
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